ghani khamma meaning: खम्मा घणी का मतलब क्या है, पूरी जानकारी खम्मा घणी के बारे में?
khamma ghani ka matlab:आजकल राजपूत समाज में अभिवादन का एक स्वरुप बहुत प्रचलित हो रहा है,"खम्मा घणी" जबकि हमारे समाज में ये अभिवादन कभी नहीं था| हमारे समाज के अभिजात्य वर्ग,यथा राजा,व जागीरदारों ने आम राजपूत से अपने आप को प्रथक प्रदर्शित करने के प्रयोजन से गुलामी के इस शब्द को अपना लिया, जिसका शाब्दिक अर्थ स्वयं उनको ज्ञात नहीं है।
हमारे पूर्वज अपने अभिवादन में अपने कुल देवी देवताओ का स्मरण करते थे, जैसे - जय चार भुजा की, जय माता जी की, जय गोपी नाथ जी की, जय एक लिंग जी की इत्यादि। इन अभिवादनो से क्षत्रियो का इष्ट प्रबल होता था। आज इनको त्यागने से हमारा इष्ट हमसे रुष्ट है, यही हमारे विनाश का प्रमुख कारण है।
आयुवान सिंह हुडील स्मृति संस्थान के कार्य कर्ता इस अभिवादन का प्रयोग नहीं करते। श्रधये देवी सिंह जी महार, व सवाई सिंह जी धमोरा इस अभिवादन का प्रबल विरोध करते है। आज हमारा किताबी ज्ञान इतना सतही है कि हम विजातीय तत्वों के प्रभाव में आ कर आपने बुजुर्गो की बात को दरकिनार कर देते है। जबकि हमारी जड़े बहुत मजबूत है पर हम स्वयं उन्हें काट रहे है।
तो अब आपको पता चल गया होगा ghani khamma meaning: खम्मा घणी का मतलब क्या है, पूरी जानकारी खम्मा घणी के बारे में की इसका क्या मतलब होता है.
ghani khamma meaning |
ghani khamma meaning: खम्मा घणी का मतलब क्या है । पूरी जानकारी खम्मा घणी के बारे में ।
खम्मा घणी का शाब्दिक तात्पर्य निम्नानुसार है,,,,खम्मा = क्षमा, घणी = बहुत अधिक। हमारी क्षत्रिय संस्कृति में प्रारम्भ से ही बड़ो के सामने बोलने से पूर्व अनुमति लेने का रिवाज रहा है, इसी कड़ी में जब राजाओं महाराजाओं के समक्ष उनकी सेवक जाति के प्रतिनिधि जब कुछ निवेदन करना चाहते थे तो वे बोलने से पहले क्षमा का निवेदन सम्मान के स्वरुप में करते थे, क्षमा का अपभ्रंश ही खम्मा है| जैसे ब्रिटिश शासन में लार्ड साहब को लाट साहब कहा जाने लगा था।khamma ghani ka matlab
खम्माघणी में पहला शब्द है खम्मा जिसका अर्थ है क्षमा,माफ़ी । दूसरा शब्द है घणी जिसका अर्थ है बहुत या ज्यादा … राजस्थान ,सौराष्ट्र का कुछ भाग में राजपूतो में कुछ बोलने से पहले खम्माघणी या खम्मा शब्द का उपयोग होता है इसका मतलब है कुछ बोलने से पहले में आप से शमा मांगता हु ये शब्द राजपूतो को सम्मान देने के लिए कुछ जातियों द्वारा राजपूत को अभिवादन के रूप में भी किया जाता रहा है जैसे राजस्थान का "ढोली" समाज ढोल बजाने से पहले "घणी घणी खम्मा अन्नदाता होकम" कह कर अपनी बात रखते हैहमारे पूर्वज अपने अभिवादन में अपने कुल देवी देवताओ का स्मरण करते थे, जैसे - जय चार भुजा की, जय माता जी की, जय गोपी नाथ जी की, जय एक लिंग जी की इत्यादि। इन अभिवादनो से क्षत्रियो का इष्ट प्रबल होता था। आज इनको त्यागने से हमारा इष्ट हमसे रुष्ट है, यही हमारे विनाश का प्रमुख कारण है।
आयुवान सिंह हुडील स्मृति संस्थान के कार्य कर्ता इस अभिवादन का प्रयोग नहीं करते। श्रधये देवी सिंह जी महार, व सवाई सिंह जी धमोरा इस अभिवादन का प्रबल विरोध करते है। आज हमारा किताबी ज्ञान इतना सतही है कि हम विजातीय तत्वों के प्रभाव में आ कर आपने बुजुर्गो की बात को दरकिनार कर देते है। जबकि हमारी जड़े बहुत मजबूत है पर हम स्वयं उन्हें काट रहे है।
तो अब आपको पता चल गया होगा ghani khamma meaning: खम्मा घणी का मतलब क्या है, पूरी जानकारी खम्मा घणी के बारे में की इसका क्या मतलब होता है.
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